AIIMS पर अनुराग ने नड्डा को दी 31 अगस्त की ‘डेडलाइन’

शिमला।। हिमाचल में एम्स को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा द्वारा दिए गए बयान पर टिप्पणी करने के बाद हमीरपुर से बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने अब इस मामले में चिट्ठियां लिखी हैं। एक चिट्ठी उन्होंने हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को भेजी है जिसमें उन्होंने पूछा है कि प्रदेश सरकार इस संस्थान के लिए ज़मीन उपलब्ध करवाई पाई है या नहीं। मगर नड्डा को लिखे लेटर में तो उन्होंने 31 अगस्त तक कोठीपुरा में ज़मीन का मुआयना करके फाइनल करने की समयसीमा दी है।

 

एम्स के मुद्दे को लेकर अनुराग ठाकुर इसलिए बेचैन दिख रहे हैं क्योंकि अंदरखाने चर्चा है कि अनुराग ने प्रधानमंत्री कार्यालय से चर्चा किए बगैर ही एम्स के शिलान्यास की घोषणा कर दी थी। मगर हाल ही में हिमाचल आए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा था कि अभी पीएमओ के साथ डेट्स तय नहीं हुई हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि एम्स हिमाचल में ही बनेगा, मगर कहां बनेगा, अभी यह निश्चित नहीं है। उनका कहना था कि अभी 423 बीघा जमीन केंद्र सरकार के नाम नहीं हुई है तो शिलान्यास कैसे हो जाएगा।

 

इसके बाद अनुराग ने नड्डा पर आक्रामक रुख अपना लिया था। उन्होंने कहा था, ‘एम्स को बिलासपुर लाने में नड्डा का कोई योगदान नहीं है और न ही इसे यहां से ले जाने में होगा। एम्स हर हाल में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में ही बनेगा। इसके लिए चाहे फिर किसी भी स्तर पर लड़ाई क्यों न लड़नी पड़े।(यहां क्लिक करके पढ़ें)’ दरअसल चर्चा है कि 25 सितंबर को प्रदेश में चुनाव आचार सहिंता लग सकती है और इससे पहले ही प्रधानमंत्री आईआईएम सिरमौर और एम्स की आधारशिला रखेंगे। अब उन्होंने लेटर लिखकर एम्स के मुद्दे पर आरपार का ऐलान कर दिया।

नड्डा को दी 31 अगस्त की ‘डेडलाइन’
अनुराग ने नड्डा को लिखे खत में कहा है, ‘मेरे हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के बिलासपुर जिले के कोठीपुरा में एम्स का खुलना तय हुआ था. जमीन मुहैया करवाने की औपचारिकताएं राज्य सरकार को तय करनी थीं. क्या पिछले तीन सालों में राज्य सरकार ऐसा नहीं कर पाई है? इससे अभी तक प्रॉजेक्ट शुरू नहीं हो पाया है और राज्य को विश्व स्तरीय सुविधाएं नहीं मिल पाने के कारण बाहर जाना पड़ रहा है।’
आगे उन्होंने लिखा है, ‘मैं आपसे गुज़ारिश करता हूं कि मामले पर ध्यान लें और अपने पद का इस्तेमाल करते हुए कोठीपुरा में ज़मीन की जांच करके 31 अगस्त 2017 से पहले फाइनलाइज़ कर लें ताकि यह सितंबर में प्रस्तावित हिमाचल दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी इसका शिलान्यास कर सकें।’

सीएम से पूछा- केंद्रीय मंत्रालय से कोई कसर तो नहीं रही
वहीं मुख्यमंत्री के खत में शुरुआती बातें वही हैं मगर आखिर में पूछा है कि ज़मीन को लेकर स्थिति क्या है, कृपया मुझे बताएं. अगर केंद्रीय मंत्रालय या फिर मेरी तरफ से कुछ करने की जरूरत है तो भी बताएं ताकि संबंधित मंत्रालय से जनहित के लिए मैं पूरी ताकत से बात कर सकूं। कृपया जल्द जानकारी दें।

गौरतलब है राजनीतिक पंडित इन चिट्ठियों को अनुराग का नड्डा पर सीधा हमला बता रहे हैं। उनका कहना है कि इसका मतलब यह भी है कि अनुराग और नड्डा के बीच जरा भी तारतम्य नहीं है वरना इस तरह के मसले पर अपनी ही सरकार के वरिष्ठ मंत्री को कौन घेरता है। उनका मानना है कि आने वाले दिनों में एम्स को लेकर उठे इस विवाद को लेकर बड़ा मुद्दा बन सकता है क्योंकि मोदी सरकार के अब तक के कार्यकाल में दो बड़े नेताओं के बीच कलह सामने आने का यह पहला मामला है। अब यह देखना अहम होगा कि आलाकमान इस मसले से कैसे निपटता है।

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