अगर हिमाचल प्रदेश में आज चुनाव हो जाएं तो क्या रहेगा नतीजा?

इन हिमाचल डेस्क।। साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। यह भी देखा जाने लगा है कि कौन सी सीट पर कौन सा उम्मीदवार जिताऊ साबित होगा। इसके लिए सभी पार्टियां अपने स्तर पर विभिन्न एजेंसियों से सर्वे करवा रही हैं। इस सबके बीच इन हिमाचल ने भी यह भांपने की कोशिश की है कि इस बार के विधानसभा चुनावों के नतीजे कैसे रह सकते हैं।

इससे पहले कि आगे बढ़ें, बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले भी इन हिमाचल ने सर्वे किया था (यहां क्लिक या टैप करके देखें) और उसका आकलन काफी हद तक सटीक रहा था। सर्वे में यह पाया गया था कि कांग्रेस की सरकार हटने वाली है और भाजपा सत्ता में आएगी। हालांकि, कुछ सीटों पर चुनावों के परिणाम सर्वे के अनुमान से उलट रहे थे लेकिन पार्टियों को मिलने वाली सीटों का अनुमान उन्हें मिली वास्तविक सीटों के बहुत करीब था। देखें:

पार्टी 2017 में इन हिमाचल के सर्वे का अनुमान 2017 के चुनावों का वास्तविक परिणाम
बीजेपी 43 44
कांग्रेस 24 22
अन्य 1 2

 

चूंकि अभी चुनाव को समय है और दल-बदल का भी दौर जारी है, ऐसे में चुनाव के नतीजे क्या रहेंगे, अभी से इसका सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता। चुनावों से ठीक पहले तक स्थिति साफ हो जाएगी कि कहां से कौन चुनाव लड़ने वाला है। उस दौरान होने वाले सर्वे भी काफी हद तक सटीक रहेंगे। हम उस दौरान आप तक जनता की राय पहुंचाने की कोशिश करेंगे। लेकिन अभी राजनीतिक दलों और उनके नेताओं की स्थिति क्या है, यह जानने के लिए हमने एक अलग तरीका अपनाया।

तीन वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषकों की राय
इन हिमाचल ने तीन वरिष्ठ पत्रकारों/राजनीतिक विश्लेषकों से संपर्क किया जो हिमाचल की राजनीति को लंबे समय से देख रहे हैं और लगभग हर सीट की राजनीतिक स्थिति को लेकर भी उनकी बारीक समझ है। हमने उन्हें सभी 68 सीटों की एक सूची सौंपी और यह आकलन करने को कहा कि वर्तमान में किस सीट पर किस पार्टी का पलड़ा भारी है- भाजपा का या कांग्रेस का? इस शीट में हर विधानसभा सीट के आगे के कॉलम में उन्होंने उस पार्टी का नाम भरा, जो वहां मजबूत है। जिन सीटों को लेकर वे किसी एक नतीजे पर नहीं पहुंचे, उस कॉलम को उन्होंने खाली छोड़ दिया।

तीनों विशेषज्ञों ने यह भी माना कि भले ही आम आदमी पार्टी इस बार काफी जोर लगा रही है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं लग रहा कि वह इस बार एक भी सीट जीत पाएगी। हालांकि, उनका यह जरूर मानना है कि आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुछ जगहों पर कुछ वोट जरूर काट सकते हैं।

नीचे हमने तीनों विशेषज्ञों के अनुमान दिए हैं। आप देखेंगे तो पाएंगे कि कुछ सीटें तो ऐसी हैं जहां पर तीनों विशेषज्ञों ने एक ही पार्टी का पलड़ा भारी दिखाया है। वहीं कहीं पर दो पत्रकार एक पार्टी को हावी मान रहे हैं तो कहीं पर एक विशेषज्ञ दूसरी पार्टी को। कुछ जगहें ऐसी हैं, जहां पर एक विश्लेषक ने एक पार्टी को हावी बताया है और दूसरे ने दूसरी को। वहीं तीसरे विश्लेषक ने उस जगह के कॉलम को खाली छोड़ा है।

विधानसभा सीट वर्तमान स्थिति विशेषज्ञ 1 का आकलन विशेषज्ञ 2 का आकलन विशेषज्ञ 3 का आकलन
Churah BJP BJP BJP
Bharmour BJP INC INC INC
Chamba BJP INC INC BJP
Dalhousie INC INC BJP INC
Bhattiyat BJP BJP INC BJP
Nurpur BJP BJP BJP INC
Indora BJP BJP INC BJP
Fatehpur INC INC BJP INC
Jawali BJP INC BJP BJP
Dehra Independent BJP BJP BJP
Jaswan-Pagarpur BJP BJP BJP BJP
Jawalamukhi BJP BJP BJP
Jaisinghpur BJP BJP BJP BJP
Sullah BJP BJP BJP BJP
Nagrota Bagwan BJP INC INC INC
Kangra INC INC BJP INC
Shahpur BJP BJP INC INC
Dharamshala BJP BJP BJP BJP
Palampur INC INC INC INC
Baijnath BJP INC INC
Lahaul Spiti BJP BJP INC BJP
Manali BJP BJP INC INC
Kullu INC INC INC INC
Banjar BJP INC INC
Anni BJP INC INC INC
Karsog BJP INC BJP BJP
Sunder Nagar BJP BJP BJP BJP
Nachan BJP BJP INC INC
Seraj BJP BJP BJP BJP
Drang BJP BJP BJP INC
Joginder Nagar Independent INC BJP BJP
Dharampur BJP BJP BJP BJP
Mandi BJP BJP BJP
Balh BJP INC BJP INC
Sarkaghat BJP INC BJP
Bhoranj BJP BJP INC BJP
Sujanpur INC INC BJP INC
Hamirpur BJP INC BJP
Barsar INC BJP BJP INC
Nadaun INC INC INC INC
Chintpurni BJP INC INC
Gagret BJP BJP BJP
Haroli INC INC INC INC
Una INC BJP BJP INC
Kutlehar BJP BJP BJP BJP
Jhanduta BJP BJP
Ghumarwin BJP BJP INC INC
Bilaspur BJP BJP BJP BJP
Sri Naina devi INC BJP BJP INC
Arki INC BJP BJP INC
Nalagarh BJP INC INC
Doon BJP INC BJP INC
Solan INC BJP BJP INC
Kasauli BJP BJP BJP BJP
Pachhad BJP BJP BJP BJP
Nahan BJP BJP BJP BJP
Sri Renukaji INC INC INC INC
Paonta Sahib BJP BJP BJP BJP
Shillai INC BJP BJP BJP
Chopal BJP BJP BJP BJP
Theog CPI (M) INC INC INC
Kusumpti INC INC INC INC
Shimla Urban BJP INC BJP INC
Shimla Rural INC INC INC INC
Jubbal-Kotkhai INC INC INC INC
Rampur INC INC INC INC
Rohru INC INC INC INC
Kinnaur INC INC BJP INC
 Total- 68  अनुमान BJP- 36

INC- 31

Uncertain-1

BJP=40

INC=27

Uncertain-1

BJP=24

INC=34

Uncertain-10

 

ऊपर के टेबल से यह स्पष्ट होता है कि दो विश्लेषकों के मुताबिक जहां भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में वापसी के आसार हैं, वहीं एक का मानना है कि फिलहाल कांग्रेस का पलड़ा भारी है। हालांकि, उन विश्लेषक ने 10 सीटें ऐसी मानी हैं जहां पर बाजी इधर से उधर हो सकती है और काफी कुछ टिकट आवंटन पर निर्भर करेगा।

तीनों विशेषज्ञों के अनुमान का अगर औसत निकालें तो आंकड़े इस तरह बनते हैं:

राजनीतिक दल कितनी सीटों पर पलड़ा भारी
भारतीय जनता पार्टी 33
कांग्रेस 31
अनिश्चितता- 4 सीटों पर

 

ध्यान दें, हिमाचल प्रदेश में बहुमत के लिए 35 सीटों की आवश्यकता होती है। अनुमानों के औसत के ये आंकड़े 1998 के चुनावों की याद दिला रहे हैं जब रोमांचक स्थिति पैदा हो गई थी। तब चुनाव के नतीजे कुछ इस तरह से थे-

    पार्टी सीटें
कांग्रेस 31
भाजपा 31
निर्दलीय 1
हिमाचल विकास कांग्रेस 5
कुल 68

 

हालांकि, तब भारतीय जनता पार्टी हिमाचल विकास कांग्रेस के समर्थन की मदद से सरकार बनाने में सफल रही थी।

निष्कर्ष: बहरहाल, ऊपर का अनुमान सिर्फ तीन विशेषज्ञों की राय है न कि आम जनता का। फिर भी ये अनुमान इशारा कर रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी भले ही थोड़ी आगे हो लेकिन मुकाबला टक्कर का है। विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही कांग्रेस जहां नेतृत्व के संकट से जूझ रही है लेकिन उसे दो कारणों से लाभ मिलता दिख रहा है। कुछ सीटों पर तो भाजपा के विधायकों व मंत्रियों के एंटी-इनकमबेंसी है लेकिन उससे भी ज्यादा चिंता की बात है- कई सारी सीटों पर टिकट के कई सारे दावेदारों का उभरना।

विश्लेषकों का यह भी मानना है कि कांग्रेस के नेता अभी भी एकजुट नहीं दिख रहे। साथ ही साथ, वे रणनीति बनाकर सरकार को वाजिब मुद्दों पर घेरने के बजाय अलग-अलग विषय उठा रहे हैं जिसका जमीन पर कोई असर नहीं हो रहा। साथ ही, कुछ नेताओं का अनावश्यक आक्रामक होना और कई बार हल्के बयान दे जाना भी कांग्रेस को नुकसान पहुंचा रहा है। वहीं भारतीय जनता पार्टी अपने नाराज या महत्वाकांक्षी कार्यकर्ताओं को भी संभाल नहीं पा रही। इसके कारण पब्लिक ऑपिनियन प्रभावित हो रहा है।

हो सकता है आने वाले समय में दोनों पार्टियों की रणनीति में बदलाव हो। उसके बाद बनने वाले हालात को भांपकर हम फिर एक सर्वे लाएंगे जो पूरी तरह से जनता का ऑपिनियन होगा। तब तक, आप कॉमेंट करके बता सकते हैं कि आपकी राय क्या है। साथ ही, पढ़ते और देखते रहिए- इन हिमाचल।

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