बिलासपुर: आठवीं में पढ़ने वाली बच्ची से कथित गैंगरेप, पुलिस पर टालमटोल के आरोप

प्रतीकात्मक तस्वीर

बिलासपुर।। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में आठवीं में पढ़ने वाली एक बच्ची के साथ कथित तौर पर गैंगरेप का मामला सामने आया है। कुछ साल पहले नेपाल से मजदूरी करने आए एक शख्स ने बताया कि आरोपी बच्ची को घर से उठाकर ले गए और फिर एक रेस्तरां ले जाकर नशीली चीज पिलाई और फिर गैंगेरप किया। पीड़िता के पिता ने पुलिस पर समय पर कार्रवाई न करके टालमटोल करने का भी आरोप लगाया है। फिलहाल मामला दर्ज कर लिया गया है।

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क्या है केस
जिला मुख्यालय के साथ लगते एक गांव में रहने वाले एक शख्स ने बताया कि 6 अक्तूबर को उसकी आठवीं कक्षा में पढऩे वाली बेटी जब शाम को घर में नहीं दिखी तो उसने उसकी काफी तलाश की मगर कहीं पता नहीं चला। पिता का कहना है कि अगले दिन वह महिला पुलिस थाने में गए लेकिन वहां तैनात महिला पुलिस कर्मियों ने उसके बयान पर एफआईआर दर्ज करने के लिए गंभीरता नहीं बरती।

‘महिला थाने ने नहीं की कार्रवाई’
पिता का कहना है कि पुलिस उल्टा आरोपी के मोबाइल पर फोन करके कहती रही कि लड़की को लेकर आ जाए। दिन भर महिला थाने की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई। न्यूज 18 ने पिता के हवाले से बयान छापा है कि उन्हें किसी ने बताया कि उनकी बेटी बस स्टैंड के पीछे किसी पार्क में है। जब वहां पहुंचकर पुलिस को कार्रवाई के लिए कहा गया तो पुलिसकर्मियों ने कहा कि बेटी मिल गई आपको, आगे कुछ नहीं कहा। पिता का कहना है कि जब मैं बेटी को घर लेकर गया तो वहां पता चला कि उसके साथ कया हुआ था। वह बुरी तरह लहूलुहान थी।

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पिता ने बताया कि उसकी बेटी को बिलासपुर के मेन बाजार में एक रेस्तरां-बार में काम करने वाला युवक और बिलासपुर-चंडीगढ़ रोड पर एक रेस्तरां में काम करने वाले दो अन्य युवक घर से जबरन ले गए थे और फिर बंधक बनाकर रखा। इस दौरान उन्होंने दूध में नशीली चीज पिलाई औऱ रात भर बलात्कार करते रहे।

समय पर नहीं हुआ मेडिकल
पिता का कहना है कि उन्होंने महिला पुलिस से कहा था कि बच्ची की मेडिकल जांच करे मगर पुलिस ने इनकार कर दिया। इससे वह बेटी को घर लेकर आ गया था। बाद में जब कुछ जान-पहचान के लोगों और पंचायत के लोगों के माध्यम से चाइल्ड हेल्पलाइन से संपर्क किया, तब पुलिस ने नाबालिग लड़की के अपहरण का मामला दर्ज किया। फिर भी पुलिस मेडिकल नहीं कर रही थी। बार-बार कहने पर दो दिन बाद जिला अस्पताल में उसका मेडिकल हुआ।

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बिलासपुर के डीएसपी संजय शर्मा का इस मामले मे कहना है कि पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और जांच की जा रही है। मगर पिता के बयानों में अगर सच्चाई है तो बलात्कार के मामलों में पुलिस की और खासकर महिला पुलिसवालों की हालत देखकर शर्म आती है। बलात्कार के मामलों में तुरंत पीड़िता का मेडिकल होना चाहिए। इससे पहले की पीड़िता नहाए और कपड़े बदले, उसके कपड़ों को पुलिस को अपने कब्जे में लेना होता है और शरीर से सैंपल भी लेने होते है ताकि बलात्कार करने वालों का डीएनए मिल सके।

मगर दो दिन बाद पुलिस का मेडिकल करना दिखाता है कि पुलिस में कुछ वर्दीधारी तो बिठा दिए हैं मगर न उनके अंदर समझ है और न संवेदना। ऐसे महिला थानों का भी क्या लाभ जब पुलिसकर्मियों की सोच वही है, जो आम थानों में होती है। अगर इसी शैली से काम करना है तो बेहतर है कि इन थानों को बंद कर दिया जाए।

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